विवेकानंद केंद्र बी ओ आर एल हॉस्पिटल, बीना
भगिनी निवेदिता किशोरी विकास प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
भारत ओमान रिफायनरीज लिमिटेड की CSR गतिविधि के अंतर्गत हरि गोपि वाटिका, कुरुवा-ढुरूवा, बीना में तीन दिवसीय (13, 14 व 15 जनवरी 19) भगिनी निवेदिता किशोरी विकासप्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में आस पास के ग्रामीण क्षेत्र की 30 बालिकाओं ने भाग लिया। शिविर में किशोरी बालिकाओं को प्रार्थना, गीत, खेल, व्याख्यान, बौद्धिक सत्र, ऑडियो वीडियो प्रेजेंटेशन आदि के माध्यम से सामाजिक, राजनीतिक, शारीरिक, मानसिक परिस्थितियों का सामना करने एवं अपने अपने क्षेत्र में केंद्र कार्य कर राष्ट्र निर्माण करने के लिए प्रेरित किया।
शिविर में सभी बालिकाओ को विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी, मध्य प्रान्त संघटक आदरणीय सुश्री रचना जानी दीदी एवं तीन प्रशिक्षिकों का सतत मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। शिविर की व्यवस्थाओं में 5 कार्यकर्ताओं ने योगदान रहा।
शिविर के प्रथम दिवस श्री मनोज गुप्ता जी, विभाग प्रमुख, भोपाल का बौद्धिक सत्र हुवा। उन्होंने रामायण के उधारणों के माध्यम से शिविरार्थियों को आस पास के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु मार्गदर्शन दिया।
प्रशिक्षण शिविर के द्वितीय दिवस में डॉ सुभ्रत अधिकारी, चिकित्सा अधीक्षक, VK BORL Hospital ने अपने उदबोधन में कहा कि हमारे देश में कई सहस्र वर्षों से नारी को दबा के रखा गया, किशोरी बालिका वर्ग का उद्देश्य बालिकाओं के सम्पूर्ण विकाश करना, भारतीय संस्कृति को सुद्रण करना एवं अश्पृश्यता जैसी कुरीतियों को मिटाना है।
माननीय किशोरजी टोकेकर, संयुक्त महासचिव, विवेकानंद केंद्र ने अपने उदबोधन में कहा कि, एक कागज के टुकड़े को कचरा माना जाता है जबकि उसी कागज से बनी तथा धागे से बंधी पतंग अनुशासन का सबक सिखाती है। उन्होंने आगे कहा कि जीवन में जुड़ो - ईश्वर से जो हमारे अंतर्मन में रहता है, मात्र भूमी से जो हमारा पालन पोषण करती है और केंद्र से जो हमें समाज से और राष्ट्र से जोड़ता है।
इस अवसर पर श्री N K Jain, नगर संरक्षक, विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा बीना भी उपस्थित रहे।
किशोरी बालिका विकास शिविर के तृतीय दिवस (15-01-19) पर मुख्य अतिथि के रूप में आदरणीय उमेश उपाध्याय, Sr. Vice President HR, भारत ओमान रिफाईनरीज लिमिटेड ने बालिकाओं का मार्गदर्शन किया। उन्होंने बालिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि, ज्ञान एक ऐसी वस्तु है जिसको दूसरों को बांटने से उतना ही बढ़ता है । उन्होंने आगे कहा कि अपने मन को शरीर को स्वस्थ रखें, इसके लिए नियमित सूर्य नमस्कार, योग- ध्यान आदि समय से करें। इस शिविर में जो भी शिक्षा दी गई खेल के माध्यम से, गीतों के माध्यम से, बौद्धिक सत्रों के माध्यम से, उसे अपने जीवन में प्रयोग करें एवं अपने-अपने क्षेत्र में जाकर दूसरों को भी बताए। एक बालक को शिक्षित करने से केवल बालक का विकास होता है, जबकि बालिकाओं को शिक्षित करने से संपूर्ण परिवार एवं समाज का विकास होता है। बालिकाओं की क्षमता असीमित होती हैं, हमारे क्षेत्र की बालिकाओं ने राष्ट्रीय स्तर पर भी नगर का नाम रोशन किया है, आप भी अपना लक्ष्य निर्धारित कर अपना कार्य करें, तो बड़े से बड़े लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
समापन सत्र में उपस्थित बालिकाओं ने अपने अनुभव सांझा किये। शिक्षा देने की पद्धति-खेल, गीत, प्रातःस्मरण, भजन, बौद्धिक सत्र आदि में सभी को बहुत आनंद आया। सभी ने सुश्री रचना दीदी और अन्य बहनों को प्यार एवं स्नेह के लिए बहुत बहुत धन्यवाद दिया और अपने अपने क्षेत्र में केंद्र कार्य करने की सपथ ली।
अंत में भारत माता के जय घोष के साथ बलिकाओं ने अपने-अपने कार्य क्षेत्र की ओर प्रस्थान किया
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