Vivekananda Vani

That love which is perfectly unselfish, is the only love, and that is of God.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                            Slave wants power to make slaves.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                            The goal of mankind is knowledge.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                            In the well-being of one's own nation is one 's own well-being.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                            If a Hindu is not spiritual, I do not call him a Hindu.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                            Truth alone gives strength........ Strength is the medicine for the world's disease.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                           

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Thursday, 21 November 2019

दिनांक 20 नवम्बर 2019, ग्राम आगासौद आंगनबाडी क्र. 30 में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर आयोजित

विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय,
बीना, जिला- सागर मप्र
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर
ग्राम- आगासौद
दिनांक 20 नवम्बर 2019

सही उम्र में विवाह करने से नारी के स्वास्थ्य पर नहीं पडता विपरीत प्रभावः डाॅ. निधि





    बीना। ग्रामीण परिवेश में कई बार 18 वर्ष से कम उम्र की किशोरियों का विवाह कर दिया जाता है, जो कि कानूनी तौर पर गलत तो होता ही है, ऐसा करने से उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास  पर भी विपरित प्रभव पडता है। यदि किशोरी बालिका स्वस्थ है तो परिवार में आने वाली भविष्य की बहुएं खुश होंगी यह मान सकते हैं। इसलिए किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य का हमें विशेष ध्यान रखना चाहिए वहीं बेटा और बेटी में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए। हमें महिलाओं को स्वयं के पोषण का पूरा ध्यान रखना चाहिए एवं अपने परिवार के प्रत्येक सदस्य को भी पूर्ण रूप से पौष्टिक आहार देना चाहिए। हमारा प्रयास हो कि प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ रहे, खाना खाने से पहले साबुन से ठीक तरह से हाथ धोए। ताकि किसी भी प्रकार के कीटाणु हमारे पेट में ना जाएं वहीं छोटे बच्चों को भी बेहतर स्वास्थ्य के लिए छह माह तक केवल मां का दूध और बाद में दलिया, दाल और हरी सब्जियां खिलाएं।  
 यह बात विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय द्वारा ग्राम आगासौद के आगनबाडी क्र. 31 में दिनांक 20 नवम्बर 2019, बुधवार को आयोजित ‘मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जागरूकता अभियान‘ के दौरान आयोजित शिविर में चिकित्सालय की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डाॅ. निधि सोनी ने महिलाओं के बीच कही। शिविर में आगे डाॅ. निधि ने बताया कि यदि हम स्वस्थ और सुखी परिवार चाहते हैं, तो परिवार नियोजन का पालन करें। केवल दो बच्चे ही संतान के रूप में हों ऐसा प्रयास करें, ताकि आप उन्हे बेहतर शिक्षा एवं परवरिश दे सकें। जो प्रसूताएं हैं, वे अपनी समय समय पर जांच कराएं और पूरा पौष्टिक आहार लें। जब प्रसव नजदीक हो तो पहले से ही नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र या चिकित्सालय पर सम्पर्क करते हुए वहां प्रसव की तैयारी पहले से कर लें। संस्थागत प्रसव को ही महत्व दें। घर पर दाई से या अन्य किसी माध्यम से प्रसव ना कराएं। ऐसे में जच्चा-बच्चा दोनों की जान को खतरा रहता है। वहीं शिुश को किसी भी प्रकार की घुट्टी या शहद आदि ना पिलाएं केवल मां का दूध ही पिलाएं। वहीं परिवार की महिलाएं प्रसव काल में प्रसूता को ज्यादा से ज्यादा आराम दें और तनाव ना दें। उसके आहार विहार का पूरा ध्यान रखें। जब तक बच्चा 5 वर्ष का नहीं हो जाता तब तक उसके पोषण और टीकाकरण का पूरा ध्यान रखें। भोजन में भरपूर आयरन लें, सर्दियों में गुड-चना, गुड- मूंगफली या सत्तू आदि का सेवन करें।वहीं एक फल और हरी सब्जियों का अवश्य सेवन करें। विटामिन सी के लिए प्रतिदिन एक नीम्बू अवश्य लें। यदि आप इतना करते हैं, तो ना सिर्फ बीमारियों से बचते हैं, बल्कि आप पूरे परिवार को स्वस्थ रहने की प्रेरणा भी देते हैं।
       शिविर में डाॅ. निधि ने वहां उपस्थित महिलाओं और बालिकाओं को 6 स्टेप में हाथ धोने की विधि का प्रशिक्षण भी दिया और अन्त में महिलाओं ने अनेक प्रकार के स्वास्थ्य संबधी प्रश्न भी किए जिनका डाॅ. सोनी ने जवाब देकर उन्हे संतुष्ट भी किया। शिविर के आयोजन में आगासौद गांव की आंगनबाडी केन्द्र की आंगनबाडी कार्यकर्ता श्रीमती कमला विश्वकर्मा, श्रीमती शीला कुशवाह, सहायिका सविता, एवं आशा कार्यकर्ता सुनीता कुशवाह के अलावा विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के गिरीश कुमार पाल, वार्ड स्टाफ सदस्य श्रीमती नीतू राय आदि की सराहनीय भूमिका रही।                                                   

विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय,

Tuesday, 12 November 2019

दिनांक 11 नवम्बर 2019, ग्राम पथरिया में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर आयोजित

विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय,
बीना, जिला- सागर मप्र
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर
ग्राम- पथरिया 
दिनांक 11 नवम्बर 2019

  प्रसव आने के बाद जांच टीके और संस्थागत प्रसव को दें महत्वः डाॅ. निधि सोनी






        बीना। महिलाएं यदि सजग है, और अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत हैं, तो वे पूरी तरह स्वस्थ रह सकती हैं। जब बालिका बडी होने लगे और अपनी किशोरी अवस्था में आते हुए शारीरिक एवं मानसिक स्तर पर परिवर्तन अनुभव करने लगे तभी से उसे अपना ध्यान रखना शुरू कर देना चाहिए। खानपान, स्वच्छता एवं आदतों में बदलाव लाना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक आहार लेना चाहिए। वहीं जब किशोरी 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की हो जाए तभी माता-पिता उसका विवाह कराएं। जब विवाह हो जाए और तो प्रसव काल प्रारम्भ हो अर्थात् गर्भवती हो तो उसके आहार और आराम का पूरा ध्यान रखा जाए साथ ही चिकित्सकीय जांच एवं परामर्श के साथ सभी टीके समय पर लगवाएं जाएं। घर पर प्रसव कराने के बजाए संस्थागत प्रसव को महत्व दें और प्रसव के पश्चात् मां का प्रथम दूध शिशु को अवश्य पिलाएं। वहीं छह माह की अवधि तक शिशु को मां का दूध ही दें अन्य कोई आहार या घुट्टी ना दें। यदि हम ऐसा करते हैं तो घर की नारी के स्वस्थ रहने से पूरा परिवार स्वस्थ रहेगा। 
         यह बात विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय द्वारा ग्राम पथरिया के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में दिनांक 11 नवम्बर 2019, सोमवार को आयोजित ‘मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जागरूकता अभियान‘ के दौरान आयोजित शिविर में चिकित्सालय की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डाॅ. निधि सोनी ने महिलाओं के बीच कही। शिविर में आगे डाॅ. निधि ने बताया कि चिकित्सालय द्वारा हर माह दो शिविर बीओआरएल के सीएसआर प्रोग्राम के तहत चयनित गांवों में आयोजित किए जाते हैं, इसी क्रम में आपके गांव में यह शिविर आयोजित किया गया है। शिविर में उन्होने महिलाओं को बताया कि बच्चे में कुपोषण मां के गर्भ में आने से ही शुरू हो जाता है। मां में रक्त की कमी और उचित पोषण आहार ना लेने के कारण गर्भ से ही शिशु में कुपोषण भी जन्म ले लेता है। अतः विवाह से पूर्व किशोरी बालिकाओं और विवाह पश्चात महिलाओं को गर्भधारण से पूर्व ही  महिला अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहे और संतुलित पोषण आहार ले और रक्त की कमी ना होने दें।  
        शिविर के अंत में महिलाओं ने प्रश्न किए जिनके चिकित्सक द्वारा जवाब दिए गए और उन्हे समझाईश देकर संतुष्ट किया गया। शिविर में सही ढंग से हाथ धोने की विधि का डेमो भी किया गया और सभी महिलाओं को अभ्यास भी कराया गया। शिविर के आयोजन में आगासौद गांव की आंगनबाडी केन्द्र की आंगनबाडी कार्यकर्ता श्रीमती कमला विश्वकर्मा,श्रीमती शीला कुशवाह, सहायिका सविता, एवं आशा कार्यकर्ता सुनीता कुशवाह के अलावा विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के गिरीश कुमार पाल, वार्ड स्टाफ सदस्य श्रीमती सुनीता अहिरवार आदि की सराहनीय भूमिका रही। 


विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय,
बीना, जिला- सागर, मप्र

Saturday, 2 November 2019

1st November 2019 Eye Checkup Camp






Vivekananda Kendra BORL Hospital Bina organised a Eye Checkup Camp at this hospital on 1st November 2019, Friday in association with Sadguru Sankalp Netra Hospital, Lateri. Total 72 eye patients consulted and medicine given to 58 patients. Among these patients 04 referred for cataract surgery. Dr Manoj Balke and Technician Shri Kalpesh Sharma were present in the camp.

Dr Manoj balke 
Mr kalpesh Sharma

Total opd ..........72
Total medicine distribution.....,..58
Total cataract surgery patient....,..04

Vivekananda Kendra BORL Hospital