Vivekananda Vani

That love which is perfectly unselfish, is the only love, and that is of God.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                            Slave wants power to make slaves.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                            The goal of mankind is knowledge.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                            In the well-being of one's own nation is one 's own well-being.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                            If a Hindu is not spiritual, I do not call him a Hindu.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                            Truth alone gives strength........ Strength is the medicine for the world's disease.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                           

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Thursday 31 May 2018

दिनांक 31 मई 2018 विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. राजकुमार कयाल, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकरी डाॅ. दीपाली कयाल, चिकित्सा अधीकारी डाॅ. आलोक त्यागी व रेडियाग्राफर श्री संजय नरवरिया की विदाई समारोह

विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय, बीना
31 मई 2018

रामसेतु के निर्माण में गिलहरी की तरह हो हमारा योगदानः किशोर

विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. कयाल को दी भावभीनी विदाई

       बीना। यदि पूरे ब्रह्माण्ड को देखा जाए तो मनुष्य का अस्तित्व नगण्य है, किन्तु फिर भी अहंकार रहता है। ब्रह्माण्ड में अनेकों आकाश गंगाएं है, हजारों लाखों सौर मण्डल और अनेकों पृथ्वी होंगी। पृथ्वी पर अनेक देश और उनमें से एक भारत और फिर उसमें मध्यप्रदेश का बीना और फिर बीना में एक छोटा सा हमारा चिकित्सालय और हम। हमारा इतना छोटा सा अस्तित्व होने के बाद भी हम अहंकार करते है। हमें अपने अहंकार को छोडकर समर्पण भाव से योगदान देना चाहिए। जिस प्रकार रामसेतु के निर्माण में एक नन्ही गिलहरी ने अपना योगदान दिया उसी भांत से सेवा और समर्पण के भाव से हमें सदैव अपने कर्मपथ पर अग्रसर रहना चाहिए। यह एक परिवार है। जहां सबकी भूमिका तय है, बस हम अपनी अपनी भूमिका का ईमानदारी से निर्वहन करें तो निश्चित ही यह चिकित्सालय सेवा के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान बन जाएगा। 
       यह बात विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. राजकुमार कयाल, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकरी डाॅ. दीपाली कयाल, चिकित्सा अधीकारी डाॅ. आलोक त्यागी व रेडियाग्राफर श्री संजय नरवरिया की विदाई समारोह में विवेकानन्द केन्द्र के अखिल भारतीय संयुक्त महासचिव व चिकित्सालय के सचिव माननीय श्री किशोर जी टोकेकर ने कहे। इस अवसर पर चिकित्सालय के चेयरमैन डाॅ. सुरेश मोहन तिवारी ने कहा कि डाॅ. कयाल का यहां यह दूसरा यशस्वी कार्यकाल रहा। बीओआरएल के अधिकारी भी उनके कार्य की प्रशंसा करते हैं। हमें उनकी विनम्रता और समर्पण से प्रेरणा लेनी चाहिए। वे आगे भी जब चाहे यहां आएं उनका स्वागत है। डाॅ. आलोक भी एक कुशल चिकित्सक है, जब भी उनका मन शासकीय सेवा से भर जाए तो हम चाहेंगे कि वे भी यहां वापिस आएं। वहीं संजय नरवरिया ने पूरे समर्पण से यहां कार्य किया उनके भावी भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं। 
        समारोह में डाॅ. राजकुमार कयाल ने कहा कि हमारे जीवन में जितनी अधिक चुनौतियां होंगी हम उतने अधिक बेहतर बनेंगे। निष्ठा से कार्य करें, जो भी कार्य करें उमसें प्रसन्नता का अनुभव करें। संस्था में लोग तो आते जाते रहते हैं। आज में यहां एक मजबूत नींव बनाकर जा रहा हूं। उस पर मजबूत भवन बनाना आपका दायित्व है। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है, कि वे आपको स्वस्थ्य और समृद्ध बनाए रखे। इस मौके पर डाॅ. दीपाल कयाल ने कहा कि यहां हमें पूरा परिवार मिला, कभी अकेलापन नहीं लगा। कभी भी यह अनुभव नहीं हुआ कि हम अपने परिजनों से दूर है। जब जब समय मिला डाॅ. अधिकारी जी की मां से रविन्द्र संगीत सुना सीखा, यहां के स्टाफ के साथ नाइट वाॅक को मिस करूंगी। यहां का हर व्यक्ति हमें याद रहेगा। मैं माननीय किशोर भैया और तिवारी सर का आभार व्यक्त करती हूं कि उन्होने हमें यहां लाकर सेवा का अवसर दिया और आपके जैसा बडा परिवार हमको दिया। संस्था के वरिष्ठ फिजीशियन डाॅ. सुब्रत अधिकारी ने अपने उदबोधन में कहा कि डाॅ. कयाल का जीवन और व्यक्तित्व महर्षि या तपस्वी के समान है, वे अपने विषय के प्रति बेहद गंभीर है, इसलिए आसाम में उन्हे लाईफ टाईम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। वे अपने साथियों की हर सुविधा का ध्यान रखते है। इसलिए सबके हृदय में उनकी छवि एक निर्मल व्यक्ति की है। वहीं मेडम कयाल बहुआयामी व्यक्तित्व है, वे एक कुशल चिकित्सक, विश्वस्तरीय चित्रकार और व्यंजन बनाने की विधा में मास्टर हैं। डाॅ. आलोक हर समय विनम्रता से रहकर कार्य किए और हर दिन सीखने की ईच्छाशक्ति से मेरे पास आते थे। संजय भी काफी नाॅलेज रखते है, और अपने कार्य के प्रति समर्पित है।
        कार्यक्रम में वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डाॅ. एस.एन. उपाध्याय ने कहा कि यह चिकित्सालय एक प्रयोगशाला है, जहां हमें जीवन के क्षेत्र के लिए ज्यादा से ज्यादा सीखने के मिलता है। यहां जो सीखा है, उसे आगे के जीवन में  अपनाए और यश प्राप्त करें। वहीं डाॅ. कयाल दम्पति एक आदर्श दम्पति है, उनसे हम सब को प्रेरणा लेनी चाहिए। वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डाॅ. राजदीप नंद ने कहा कि डाॅ. कयाल सर एक उत्कृष्ट व्यक्तित्व के धनी है, वे सभी को बराबर मानते है, और एक नजरिए से देखते हैं। वहीं कयाल दीदी तो हमारे लिए बडी बहन के समान है, वे हम सबका पूरा ध्यान रखती थी। वे एक ग्लोबल पर्सनेलिटी है, किशोरी बालिकाओं के व्यक्तित्व का विकास हो या फिर गरीब बच्चों का उपचार उनमें दीदी सबसे आगे रहकर कार्य करती थी। 
      कार्यक्रम में डाॅ. सत्यप्रकाश पटेल, डाॅ. आशीष तिवारी, होम्योपैथिक फिजीशियन डाॅ. संगीता जैन, सिस्टर इंचार्ज श्रीमती रजनी मैसी, स्टोर इंचार्ज श्री धन्नालाल प्रजापति आदि ने अपने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में आईटी तकनीशियन श्री रितेश रस्तोगी ने बांसुरी वादन किया। कार्यक्रम का संचालन मेडिको सोशल वर्कर सौरभ मराठे, कार्यालय अधीक्षक राहुल उदैनिया व आभार चिकित्सालय प्रशासनिक अधिकारी श्री गिरीश कुमार पाल ने व्यक्त किया।  

प्रतिवेदक
गिरीश कुमार पाल,
चिकित्सालय प्रशासनिक अधिकारी,
विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय,बीना

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