Vivekananda Vani

That love which is perfectly unselfish, is the only love, and that is of God.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                            Slave wants power to make slaves.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                            The goal of mankind is knowledge.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                            In the well-being of one's own nation is one 's own well-being.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                            If a Hindu is not spiritual, I do not call him a Hindu.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                            Truth alone gives strength........ Strength is the medicine for the world's disease.  -Swami Vivekananda                                                                                                                                                           

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Saturday, 29 June 2019

दिनांक 28 जून 2019 मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर

                                       "  मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर "
                                                     





                                    ' अच्छे से हाथ धोने से कई बीमारियों से होता है बचाव '
           विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय द्वारा ग्राम मनमती में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य  जागरूकता शिविर आयोजित

   बीना। शौच जाने के बाद, खाना बनाने से पूर्व और बच्चों को खाना परोसने और खाना खिलाने से पूर्व अच्छी तरह से साबुन से हाथ अनिवार्य रूप से धोएं और बच्चों को भी हाथ धोने का सही तरीका सिखाएं। यह बात विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय द्वारा ग्राम मनमती के प्राथमिक विद्यालय में दिनांक 28 जून 2019, शुक्रवार को आयोजित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के दौरान आयोजित शिविर में चिकित्सालय की शिशु एवं बालरोग विशेषज्ञ डाॅ. मधुमाला ने महिलाओं के बीच कही। शिविर में आगे डाॅ. मधुमाला ने हाथ धोने की विधि का प्रत्याक्षिक (डेमो) भी करके बताया। 
      शिविर में उन्होने महिलाओं को बताया कि नवजात शिशु के गर्भ में आने से लेकर उसके जन्म तक मां अपने पोषण और टीकाकरण का पूरा ध्यान रखे तथा जन्म से लेकर छह माह तक शिशु को केवल मां का दूध पिलाएं। वहीं छह माह बाद पूरक आहार देना शुरू करें जो कि दिन में छह से आठ बार हो।  उन्होने बताया कि विवाह से पूर्व किशोरी बालिकाओं और विवाह पश्चात महिलाओं को गर्भधारण से पूर्व ही  महिला अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहे और संतुलित पोषण आहार ले और रक्त की कमी ना होने दें।  कुपोषण को मिटाने के लिए प्रसव पूर्व जांचे व टीकारण और संस्थागत प्रसव को बढावा देना चाहिए।
       शिविर के अंत में महिलाओं ने प्रश्न किए जिनके डाॅक्टर द्वारा जवाब दिए गए और उन्हे समझाईश देकर संतुष्ट किया गया। शिविर में  पोस्टर के माध्यम से स्तनपान का सही तरीका तथा हाथ धोने की विधि का प्रशिक्षण दिया गया।  शिविर के आयोजन में मनमती गांव के कृषक श्री राजेन्द्र कुशवाह, विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के गिरीश कुमार पाल, वार्ड स्टाफ सदस्य श्रीमती कामिनी तिवारी आदि की सराहनीय भूमिका रही। 

                                                                                                विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय




Monday, 24 June 2019

23जून 2019, रविवार नौवां स्थापना दिवस समर्पण भवन हिरनछिपा व चिकित्सालय परिसर में किया गया पौधरोपण

" विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय ने मनाया नौवां स्थापना दिवस"
                          ' समर्पण भवन हिरनछिपा व चिकित्सालय परिसर में किया गया पौधरोपण '




       





 'मरीजों की सेवा सच्चे मन से करें तो आपका कर्म बन जाएगा कर्मयोग '
                             
      बीना। पीडित मानवता की सच्ची सेवा का उदाहरण विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय ने क्षेत्र में हम सबके समक्ष प्रस्तुत किया है। आज सीएसआर के तहत 24 गांवों में बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की बात हो या फिर बीओआरएल परिवार के लोगों को बेहतर उपचार की सुविधा तो इस क्षेत्र में विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय का नाम उच्चतम मानदण्ड और आदर्श के साथ आता है। यहां के प्रत्येक सदस्य द्वारा मरीजों के साथ बेहद विनम्रता से और सच्ची सेवा भाव से हर व्यक्ति आज प्रभावित है। यदि हम कहें कि विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय का प्रत्येक चिकित्सक और स्टाफ का हर सदस्य विवेकानन्द के आदर्शों के अनुरूप सेवा कार्य में संलग्न  है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी यह उपचार तो बेहतर मिलता ही है, साथ ही प्रेमपूर्वक व्यवहार और अपनापन भी हर मरीज और उनके परिजनों को एक विशेष संतुष्टि देता है।
       यह बात भारत ओमान रिफायनरीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री शिवशंकर दयाल ने रविवार, 23 जून 2019 को विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के नौवें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्यअतिथि कही। उन्होने आगे कहा कि हम तो प्लाण्ट में मशीनों के साथ कार्य करते हैं, आप मानव के विभिन्न अंगों रूपी मशीन को दुरूस्त कर बेहतर बनाने का कठिन कार्य कार्य रहे हैं। यहां की मोबाइल मेडिकल वैन की सर्विस और हेल्थ चैकअप सेल ने भी एक आदर्श स्थापित किए हैं। जिनके लिए विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय को हम हृदय से साधुवाद देते हैं।
  चिकित्सालय के नौवें स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ पौधरोपण कार्यक्रम से किया गया जिसके तहत प्रातः 08ः30 बजे खुरई रोड स्थित विवेकानन्द केन्द्र के प्रकल्प परिसर समर्पण भवन के प्रांगण में पौधरोपण से किया गया जहां 35 फलदार व छायादार वृक्षों के पौधों को रोपा गया। कार्यक्रम में नगर के गणमान्य नागरिक सहभागी रहे इस अवसर पर वरिष्ठ कर सलाहकार श्री एनके जैन, श्री जगन्नाथ बाधवानी, श्री मोहन अग्रवाल, श्री एनके दुर्वार, श्री आचार्य राम शर्मा, आचार्य वीरेन्द्र तिवारी, डाॅ. अजब सिंह ठाकुर, श्रीमती किरण गांधी, डाॅ. आनन्द गांधी, राजेन्द्र दुर्वार, श्री विनीत कोटिया, श्री महेश अग्रवाल, विवेकानन्द केन्द्र के संयुक्त महासचिव श्री किशोर जी टोकेकर, प्रांत संगठक सुश्री रचना जानी, श्री गोल्डी अरोरा, गिरीश कुमार पाल, कल्याण चढार, कमल परिहार, प्रदीप कुशवाह सहित बडी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
       पौधरोपण कार्यक्रम के द्वितीय चरण में विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय परिसर में भारत ओमान रिफायनरीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री शिवशंकर दयाल के मुख्यातिथ्य में पौधरोपण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ जिसमें बीओआरएल के प्रबंधक सुरक्षा, श्री प्रशांत रघुवंशी, प्लांट के फैक्टरी मेडिकल आॅफिसर डाॅ. अजय, विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. सुबत अधिकारी, केन्द्र के अखिल भारतीय संयुक्त महासचिव श्री किशोर टोकेकर, प्रांत संगठक सुश्री रचना जानी सहित चिकित्सालय के सभी चिकित्सक एवं अन्य सदस्यों ने पौधे रोपे।
     कार्यक्रम के तीसरे चरण में बंधुत्व भाव को बढाने वाले मैदानी खेल खेले गए तथा बाद ‘हमारे कर्म कर्मयोग कैसे बने? विषय पर मंथन चर्चा सत्र आयोजित किया गया जिसमें चिकित्सक, बहनों तथा भाईयों के तीन गण बनाए गए जिनमें चर्चा की गई मंथन सत्र का समारोप सुश्री रचना जानी दीदी ने किया और उन्होने बताया कि किस प्रकार निष्काम भाव से हम कर्म करें तो हमारा प्रत्येक कार्य कर्मयोग हो सकता है। समर्पण भाव और कार्य के प्रति श्रद्धा रखकर किया गया भाव जिसमें हमने किया यह भाव ना हो हमें ईश्वर ने इस कार्य हेतु एक उपकरण रूप में चुना है, ऐसा मानकर जब हम कार्य करते हैं, तो हमारा प्रत्येक कार्य कर्मयोग होता है, जिससे हमारा समाज उन्नत और सामथ्र्यशाली बनता है।
      कार्यक्रम के समापन अवसर पर आयोजित प्रबोधन सत्र को संबोधित करते हुए विवेकानन्द केन्द्र के अखिल भारतीय संयुक्त महासचिव एवं विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के सचिव श्री किशोर टोकेकर ने कहा कि हम प्रतिदिन केन्द्र प्रार्थना में गाते हैं कर्मयोगैकनिष्ठा अर्थात हमारी निष्ठा कर्मयोग में है, यह कर्मयोग का भाव अनुशासन, गहन प्रशिक्षण और समर्पण के भाव से आता है। सबको साथ लेकर चलना और सबके मान- सम्मान को बनाए रखते हुए कार्य करें तो हमारा प्रत्येक कार्य कर्मयोग बन जाता है।  मेरा पारिवारिक जीवन भी सामाजिक जीवन के अनुरूप हो हम मैं-मैं के भाव को छोडकर बृहद परिवारभाव से आगे बढे और उदात्त ध्येय के लिए अर्थात बडी इकाई के लिए योगदान के लिए तैयार रहे। हमारे भीतर हमेशा कुछ ना कुछ समाज के लिए समर्पित करने का भाव रखना चाहिए हमारे भीतर समाज के कष्ट को अनुभव करने की मानसिकता रखें और उनके निवारण के लिए प्रयास करें तो यह कर्म ही कर्मयोग कहलाएगा। 
      कार्यक्रम में स्थापना दिवस के दौरान कराए गए क्रिकेट मैच के पुरस्कारों का भी वितरण किया गया। कार्यक्रम में चिकित्सालय के नर्सिंग स्टाफ सदस्य श्री नीरज जैन, सीआरएस स्टाफ सदस्य सुश्री संगीता अहिरवार, कु. भारती लोधी ने दो देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती सुनीता पाण्डे व श्री धन्नालाल प्रजापति ने किया। अतिथियों का परिचय एवं स्वागत डाॅ. संजय दुलावत ने दिया तथा आभार डाॅ. दीपक प्रधान एवं श्री निकेत दुर्वार ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन स्नेहभोज के साथ किया गया। 

 विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्साल

Friday, 21 June 2019

21जून 2019, शुक्रवार अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस

                                   


  " नियमित योग के संकल्प के साथ मनाया योग दिवस"

    विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय व विवेकानन्द केन्द्र की बीना शाखा ने मनाया अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस





     


     

                                 "छात्र जीवन से ही अनुशासन पालन से बनेंगे सच्चे योगी"
        ' अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर केन्द्रीय विद्यालय के छात्रों ने लिया प्रतिदिन योग का संकल्प'
           विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की बीना शाखा द्वारा आयोजित योग सत्र का समापन
       बीना। महर्षि पतंजलि ने योग के महत्वपूर्ण ग्रंथ पतंजलि योग प्रदीपिका में शुरूआत में ही बताया है, कि जीवन में अनुशासन का पालन करने से योग का सच्चा अभ्यास पूर्ण होता है। विद्यार्थी जीवन में यदि हम योग को अंगीकार करें तो सबसे पहली शर्त है, कि हम अनुशासन में रहे। मन वचन कर्म से अनुशासन का पालन करें। नियमित योग से हमारे भीतर अनुशासन का पालन करना और प्रत्येक कार्य को कुशलता से करना जैसे गुण विकसित होते है, जो हमें एक साधारण मानव से महामानव की यात्रा पूरी करने में सहायक सिद्ध होते हैं।
       यह बात विवेकानन्द केन्द्र के भोपाल विभाग के प्रशिक्षण प्रमुख गिरीश कुमार पाल ने केन्द्रीय विद्यालय बीना में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में  छात्रों को नियमित योग करने के संकल्प के दौरान कही। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक व वरिष्ठ फिजीशियन डाॅ. सुब्रत अधिकारी, विशिष्ट अतिथि के रूप में चिकित्सालय के वरिष्ठ शल्य चिकित्सक डाॅ. दीपक प्रधान, विवेकानन्द केन्द्र बीना के नगर संरक्षक व वरिष्ठ कर सलाहकार एडवोकेट श्री एनके जैन, वरिष्ठ समाजसेवी श्री मानसमणि तिवारी तथा विद्यालय के प्राचार्य श्री अशोक कुमार सारस्वत विशेष रूप से उपस्थित रहे और उन्होने छात्रों का मनोबल बढाया। विद्यालय की छात्राओं द्वारा मुख्यअतिथि एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया गया। योग सत्र का प्रारंभ काॅमन योगा प्रोटोकाॅल के अभ्यास से किया गया जिसका अभ्यास विद्यालय के योग प्रशिक्षक श्री डेलन सिंह ने कराया। वहीं मंच पर विवेकानन्द केन्द्र के कार्यकर्ता एवं विद्यालय के छात्रों ने डेमो दिया। कार्यक्रम का समापन अवसर पर अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए आयुष मंत्रालय से तय गीत का भी बच्चों द्वारा संगीतमय प्रस्तुति दी गई।
       कार्यक्रम के अंत में विद्यालय परिसर में आयोजित किए गए योग सत्र में प्रशिक्षण एवं सहयोग हेतु विवेकानन्द केन्द्र के भोपाल विभाग के प्रशिक्षण प्रमुख श्री गिरीश कुमार पाल, बीना शाखा के वरिष्ठ कार्यकर्ता व नगर व्यवस्था प्रमुख श्री धन्नालाल प्रजापति, वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री राजेन्द्र दुर्वार व योग प्रशिक्षण देने हेतु श्री कल्याण सिंह चढार, श्री उमेश गोस्वामी, श्री प्रमोद साहू, श्री प्रथमेश रजक, प्रमोद चढार, अभिषेक व अन्य कार्यकर्ताओं को विद्यालय के प्राचार्य श्री अशोक कुमार सारस्वत द्वारा सम्मानित किया गया। 

Date of Event - 21/06/19 अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस


                    विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय में मनाया अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस
   





बीना। अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय में प्रातः 08ः30 बजे योगाभ्यास किया गया। जिसमें केन्द्र कार्यकर्ता श्री मनीष प्रजापति, श्रीमती संगीता अहिरवार, श्री कुंवर सिंह परिहार आदि ने योगाभ्यास कराया। इस अवसर पर सभी सदस्यों ने नियमित योगाभ्यास का संकल्प लिया। 

Saturday, 15 June 2019

दिनांक 14 जून 2019 मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर



विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय द्वारा ग्राम नेहरोन में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर आयोजित
                     


शिशु का बार बार बीमार होने से भी हो सकता है कुपोषण

बीना। शिशुकाल एवं बाल्यकाल में संतान का सही पोषण व देखरेख ना होने से भी कुपोषण बढता है। यदि 


आपका शिशु बार बार बीमार होता है तो वह कुपोषण का भी शिकार हो सकता है। अतः छह माह की आयु तक शिशु को माॅं का दूध अनिवार्य रूप से पिलाएं और छह माह के पश्चात उसे पूरक आहार देना शुरू करें। शिशु को पांच से छह बार थोडा थोडा आहार दें। वहीं महिलाएं स्वच्छता का भी विशेष रूप से ध्यान रखें। खासकर साबुन से हाथ धोने की विशेष विधि का प्रयोग अवश्य करें। शौच के पश्चात्ए भोजन बनाने से पूर्वए भोजन परोसने से पूर्व तथा बच्चों को भोजन कराने व स्वयं करने से पूर्व साबुने से हाथ अच्छी तरह से अवश्य धोंऐं। आपकी कुछ सावधानी और अच्छी आदतें ना सिर्फ आपके बच्चे को बल्कि स्वयं आपको को भी बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करेंगी।

      यह बात विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय द्वारा ग्राम नेहरोन के आंगनबाडी केन्द्र में दिनांक 14 जून 2019ए शुक्रवार को आयोजित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के दौरान आयोजित शिविर में चिकित्सालय की शिशु एवं बालरोग विशेषज्ञ डाॅण् मधुमाला ने महिलाओं के बीच कही। शिविर में आगे डाॅण् मधुमाला ने बताया कि चिकित्सालय द्वारा हर माह दो शिविर बीओआरएल के सीएसआर प्रोग्राम के तहत चयनित गांवों में आयोजित किए जाते हैंए इसी क्रम में आपके गांव में यह शिविर आयोजित किया गया है। शिविर में उन्होने महिलाओं को बताया कि बच्चे में कुपोषण मां के गर्भ में आने से ही शुरू हो जाता है। मां में रक्त की कमी और उचित पोषण आहार ना लेने के कारण गर्भ से ही शिशु में कुपोषण भी जन्म ले लेता है। अतः विवाह से पूर्व किशोरी बालिकाओं और विवाह पश्चात महिलाओं को गर्भधारण से पूर्व ही  महिला अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहे और संतुलित पोषण आहार ले और रक्त की कमी ना होने दें।  कुपोषण को मिटाने के लिए प्रसव पूर्व जांचे व टीकारण और संस्थागत प्रसव को बढावा देना चाहिए। शिशु के जन्म से ही मां के पहले दूध को शिशु को अनिवार्य रूप से पिलाना चाहिए। छह माह तक शिशु को केवल मां का ही दूध देना चाहिए। वहीं आंखों में काजल लगाना या गाय का दूध पिलाना जैसी आदतों से परहेज करना चाहिए।

       शिविर के अंत में महिलाओं ने प्रश्न किए जिनके डाॅक्टर द्वारा जवाब दिए गए और उन्हे समझाईश देकर संतुष्ट किया गया। शिविर में सही ढंग से हाथ धोने की विधि का डेमो भी किया गया और सभी महिलाओं को अभ्यास भी कराया गया।  शिविर के आयोजन में नेहरोन आंगनबाडी केन्द्र की आंगनबाडी कार्यकर्ता श्रीमती क्रांति अहिरवार, विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के गिरीश कुमार पालए वार्ड स्टाफ सदस्य श्रीमती कामिनी तिवारी आदि की सराहनीय भूमिका रही।

विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय

Friday, 14 June 2019

Date of Event- 13/06/19 माननीय श्री हुनमन्त राव जी का प्रबोधन सत्र आयोजित

 "  आध्यात्मप्रेरित सेवा भाव से बनाएं अपने कार्य को कर्मयोग"

प्रबोधन:विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय में माननीय श्री हुनमन्त राव जी का प्रबोधन सत्र  आयोजित


   
    बीना। पूरे देश में साढे चार साल घूमने के बाद उन्होने कन्याकुमारी पहुंचकर श्रीपाद परै शिला पर ध्यान किया और भारत के आर्त विपन्न लोगों की स्थिति पर ध्यान किया। एक ओर धनसम्पदा से सम्पन्न लोग देखे तो दूसरी ओर अत्यंत गरीब लोग देखे तो वे काफी दुखी होकर ध्यानस्थ हो गए और भारत के भूत, वर्तमान और भविष्य पर ध्यान किया। वहीं जब वे अमेरिका पहुंचे और काफी विख्यात हुए तो 12 जनवरी को एक बडे व्यक्ति के घर रूके जहां काफी सुख- सुविधाएं थी फिर भी स्वामी जी जमीन पर दुखी होकर बैठे रहे रोते रहे। उनका हृदय दुखी था कि मेरे देशवासियों के पास दो वक्त का भोजन नहीं ओढने को चादर नही ंतो मैं ऐसे भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं तो मैं कैसे ऐसे सुख-सुविधाओं का उपभोग कर सकता हूं, यह स्वामी विवेकानन्द ने कहा। वे बोले कि मैं यहां से वापिस जाकर अपने देश की आत्मा को जाग्रत करने का प्रयास करूंगा।
        यह बात विवेकानन्द केन्द्र के अखिल भारतीय कोषाध्यक्ष माननीय श्री हनुमन्त राव जी ने मध्य प्रांत प्रवास के दौरान विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय,बीना में एक प्रबोधन सत्र के दौरान कर्मयोग विषय पर बोलते हुए कही। माननीय श्री हनुमन्त राव जी ने कर्मयोग विषय पर आगे बोलते हुए उन्होने कहा कि जब वे भारत लौटे तो रामनाथपुरम के महाराजा ने बीस हजार से अधिक लोग जो स्वामी जी के स्वागत के लिए आए थे उनकी उपस्थिति में रथ के घोडे खोलकर स्वयं अपने कांधों से रथ खींचा। यह सेवा और त्याग का उच्चतम आदर्श यहां हमें देखने को मिलता है। जब हम समाज की पीडा से आहत होकर सेवा कार्य करते हैं, तो यह सेवा कार्य ही कर्मयोग बन जाता है। जब हम अपने देशवासियों से प्रेम करते है, ऐसा प्रेम जो त्याग से प्रेरित हो वहां कर्मयोग का मार्ग प्रशस्त होता है। मां अपनी संतान को प्रेम करती है, वह उनके लिए हर प्रकार का त्याग करने तत्पर रहती है। वह स्वयं के सुख सुविधाओं का त्याग कर देती है, अतः मां का प्रेम निश्चल प्रेम ही कर्मयोग है, यही प्रेमयोग है और यही भक्तियोग है।
       हमें भी अपने कार्य के दौरान दूसरों से यह प्रेम करना चाहिए। अपने कर्म और दायित्व को प्रेम करें तो यह कार्य ही आगे चलकर कर्मयोग बन जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति अपने अपने दायित्व को प्रेम करते हुए अपनी सुख सुविधाओं का त्याग कर पूरी निष्ठा से कार्य करता है, तो वह कर्म ही पूजा बन जाता है। यही कर्मयोग कहलाता है। मुझे ईश्वर ने सेवा के लिए चुना है, मैं सेवा कार्य का एक उपकरण हूं, मेरे हाथ से साक्षात एक ईश्वर की पूजा हो रही है, यह सेवा का उच्चतम आदर्श है। हम यह मानकर अपना सेवा कार्य करें कि मैं मेरे सामने उपस्थित कार्य को एक कर्मयोग के पुष्प रूप में अर्पित कर अपना योगदान दे रहा हूं, यह सोेचें।
      हम अपने अन्दर के देवत्व को आध्यात्म प्रेरित सेवा के माध्यम से ही प्रकट कर सकते है, यह बात माननीय एकनाथ जी रानाडे कहा करते थे। जो इस पथ पर बढकर कार्य करता है, उसके भीतर प्रेम और आत्मीयता का झरना बहता है, ऐसे व्यक्ति के चेहरे पर हर समय प्रसन्नता रहेगी। व्यक्ति की ड्यूटी और दायित्व भले ही छोटे बडे हो सकते है, किन्तु उसका व्यवहार आत्मीयता से रचा-बचा रहेगा। ऐसे  वातावरण में एक दूसरे के प्रति स्वार्थ, ईष्र्या नहीं रहता है। वहां प्रेम और आध्यात्म रहेगा। वहां ‘हैंण्डल विथ केयर-हैण्डल विथ लव‘ यह भाव रहेगा। जहां ऐसा वातावरण हो जिसमें आत्मीयता हो, प्रेम हो वहां समान व्यवहार एक समान होगा सबके व्यवहार में प्रेम होगा। यह प्रेम मातृवत प्रेम होगा अर्थात हम अपनी सेवा के बदले कुछ लेने की अपेक्षा नहीं करेंगे। जब ऐसा वातावरण हम बना पाए तो निश्चित ही हम काम में आने वाली हर बाधा को मिलकर पार कर लेंगे। यदि ऐसा भाव रहा तो सेवा के क्षेत्र में आ रही हर बाधा को हम समझ सकते हैं। जिस प्रकार चींटियां एक पंक्तिबद्ध होकर चलती है, किन्तु जब कुछ चींटियां बाहर हो जाएं तो कुछ चींटियां बाहर होने वाली चींटियों को भीतर धकेलती है, ऐसे ही हमारे टीम में ऐेसे आध्यामप्रेरित भाव से कार्य करने वाले कार्यकर्ता हमें हमारे ध्येय से कर्तव्य से दूर होने पर पुनः उसी ओर प्रेरित करते हैं। जिस प्रकार चींटियां कभी पंक्तियों में आने वाली बाधाओं से वापिस नहीं लौटती हैं, हम भी बाधाओं से पीछे ना हटे। हर कठिनाई पर हम आध्यात्म प्रेरित सेवा भाव से विजय पाएं यही भाव रहे।
      हम सभी विवेकानन्द केन्द्र कार्यकर्ता भी इसी भाव से आगे बढें और अपने कार्य को कर्मयोग के भाव से करें। अन्त में उन्होने सभी से आव्हान किया की वे एक बार कन्याकुमारी अवश्य आए जहां विवेकानन्द शिला स्मारक और मां कन्याकुमारी देवी के दर्शन करें माननीय एकनाथ जी की तपोभूमि पर एक बार अवश्य आएं।
कार्यक्रम में चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. सुब्रत अधिकारी ने कहा कि हम सब एक परिवार के रूप में मिलकर कार्य करंे और यहां आने वाले मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं सेवाभाव से प्रदान कराएं, तो हम निश्चित ही अपने संगठन के उदेश्य को पूर्ण करने में अपना योगदान दे पाएंगे। कार्यक्रम में चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. सुब्रत अधिकारी, मध्य प्रांत संगठक सुश्री रचना जानी दीदी, चिकित्सालय के सभी चिकित्सक व अन्य सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में चिकित्सालय के शल्य चिकित्सक डाॅ. दीपक प्रधान ने माननीय हनुमन्त राव जी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन गिरीश कुमार पाल ने किया।  

विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय

Date- 13/06/19

" यदि मन नियंत्रित हो तो हर क्षेत्र में देंगे बेहतर योगदान"
                माननीय श्री हनुमन्त राव जी ने बीओआरएल अधिकारियों को योग प्रबोधन में कराई योग निद्रा


      बीना। विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी के अखिल भारतीय कोषाध्यक्ष एवं वरिष्ठ योगविद् माननीय श्री हनुमन्त राव जी ने भारत ओमान रिफायनरीज लिमिटेड (बीओआरएल) के अधिकारियों के लिए 13 जून 2019 की शाम बीओआरएल आवासीय परिसर के खजुराहो क्लब में योग एक जीवन पद्धति विषय पर आयोजित प्रबोधन सत्र में योग से किस प्रकार हम अपनी जीवन शैली को आदर्श बना सकते है, बताया उन्होने योग वशिष्ठ के माध्यम योग पर बोलते हुए कहा कि महर्षि वशिष्ठ ने भगवान राम को योग की शिक्षा देते हुए बताया कि मन पर नियंत्रण या मन को प्रशमित करना ही योग है, हमम न की चंचलता को यदि अपनी सजगता से अनुभव कर उसे नियंत्रित कर लेते है, तो हमारी मन की शक्ति बढ जाती है, और हमारी कार्यक्षमता भी बढ जाती है। यदि मन नियंत्रित नहीं है, तो भटकाव बढेगा और यदि यही चंचलता और भटकाव बढता गया तो हम अवसाद की ओर बढते जाते है, जो आगे चलकर हमारे पूरे जीवन को बर्बाद कर सकता है। अतः योग ध्यान और प्राणायाम के नियमित अभ्यास से हम ऐसी चंचलता को रोक सकते हैं। 
      माननीय श्री हनुमन्त राव जी ने आगे कहा कि हम यदि नियमित रूप से योग निद्रा करते है, तो हमारा मन और शरीर दोनों ही स्वस्थ्य होते है, और हम समाज के लिए एक बेहतर और आदर्श की स्थापना करते है। प्रबोधन सत्र के अंत में माननीय श्री हनुमन्त राव जी ने वहां उपस्थित बीओआरएल के अधिकारी व उनके परिवारजनों को योगनिद्रा का अभ्यास भी कराया। अंत में बीओआरएल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं खजुराहो क्लब के सचिव श्री दयाल जी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज योग एक जीवन पद्धति विषय पर जो प्रेरक व्याख्यान सुना और योगनिद्रा का अलौकिक अनुभव माननीय हनुमन्त राव जी ने कराया उसके लिए हम विवेकानन्द केन्द्र के आभारी है, जो हमें ऐसे अवसर प्रदान कराया। केन्द्र के वरिष्ठ अधिकारियों के प्रवास के दौरान ऐसे कार्यक्रम आगे भी आयोजित किए जाते रहे हम ऐसी अपेक्षा केन्द्र से करते हैं। कार्यक्रम में विवेकानन्द केन्द्र मध्य प्रान्त की प्रान्त संगठक सुश्री रचना जानी दीदी, बीओआरएल के वरिष्ठ अधिकारी व उनके परिवारजन उपस्थित रहे।