गुरु पूर्णिमा उत्साह प्रतिवेदन
दिनांक 5 जुलाई 2020 रविवार को दोपहर 2:00 बजे विवेकानंद केंद्र बी ओ आर एल अस्पताल के सभागार में गुरु पूर्णिमा उत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत तीन ओंकार प्रार्थना से हुई। कार्यक्रम का संचालन बहन सुनीता अहिरवार जी ने किया। बहन रश्मि रजक ने माननीय निवेदिता दीदीए वाईस प्रेसिडेंट विवेकानंद केंद्र द्वारा दिए गए संदेश का वाचन कियाए वही बहन हर्षिता ने मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित माननीय किशोर जी टोकेकर, संयुक्त महासचिव, विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी एवं आदरणीय डॉ सी एस जैरथ, चिकित्सा अधीक्षक, वी के बी ओ आर एल अस्पताल का परिचय सभा से कराया । श्री भूपेंद्र मणी तिवारी जी व बलवीर कुशवाहा जी ने उपस्थित अतिथियों का सम्मान किया। मुख्य वक्ता आदरणीय किशोर जी टोकेकर एवं डॉ जैरथ ने अपने मार्गदर्शन में सभी को गुरु के महत्व पर विस्तार से बताया। आदरणीय किशोर जी ने अपने उद्बोधन में सभी कार्यकर्ताओं से आत्मावलोकन करने को कहा, कि संस्थान की प्रगति में स्वयं का क्या योगदान रहा और अस्पताल की प्रगति एवं प्रतिष्ठा बढ़ाने हेतु भविष्य में किस प्रकार कार्य करना होगा इस पर चिंतन करें। आगे उन्होंने त्याग, समर्पण व निस्वार्थ भाव से अपने कर्तव्य का पालन सतत करने के लिए कहा। अंत में कार्यक्रम का समापन केंद्र प्रार्थना से हुआ और सभी को प्रसाद वितरण किया गया।
भारत माता की जय
दिनांक 5 जुलाई 2020 रविवार को दोपहर 2:00 बजे विवेकानंद केंद्र बी ओ आर एल अस्पताल के सभागार में गुरु पूर्णिमा उत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत तीन ओंकार प्रार्थना से हुई। कार्यक्रम का संचालन बहन सुनीता अहिरवार जी ने किया। बहन रश्मि रजक ने माननीय निवेदिता दीदीए वाईस प्रेसिडेंट विवेकानंद केंद्र द्वारा दिए गए संदेश का वाचन कियाए वही बहन हर्षिता ने मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित माननीय किशोर जी टोकेकर, संयुक्त महासचिव, विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी एवं आदरणीय डॉ सी एस जैरथ, चिकित्सा अधीक्षक, वी के बी ओ आर एल अस्पताल का परिचय सभा से कराया । श्री भूपेंद्र मणी तिवारी जी व बलवीर कुशवाहा जी ने उपस्थित अतिथियों का सम्मान किया। मुख्य वक्ता आदरणीय किशोर जी टोकेकर एवं डॉ जैरथ ने अपने मार्गदर्शन में सभी को गुरु के महत्व पर विस्तार से बताया। आदरणीय किशोर जी ने अपने उद्बोधन में सभी कार्यकर्ताओं से आत्मावलोकन करने को कहा, कि संस्थान की प्रगति में स्वयं का क्या योगदान रहा और अस्पताल की प्रगति एवं प्रतिष्ठा बढ़ाने हेतु भविष्य में किस प्रकार कार्य करना होगा इस पर चिंतन करें। आगे उन्होंने त्याग, समर्पण व निस्वार्थ भाव से अपने कर्तव्य का पालन सतत करने के लिए कहा। अंत में कार्यक्रम का समापन केंद्र प्रार्थना से हुआ और सभी को प्रसाद वितरण किया गया।
भारत माता की जय
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