विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय,
बीना, जिला- सागर (मप्र)
बच्चों की जांच कर दिया पोषण आहार और फलदार वृक्ष का पौधा
माताओं को सब्जियों के बीज देकर बताया हरी सब्जियों और फलों का लाभ
विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय ने आगासौद ने लगाया प्रोजेक्ट संजीवनी शिविर
कुपोषित, कम वनज के बच्चों के साथ ही 70 सामान्य बच्चों का भी किया उपचार
बीना। विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय द्वारा भारत ओमान रिफायनरीज लिमिटेड द्वारा सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रम के तहत चयनित गांवों में विगत 7 वर्ष पूर्व कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने प्रोजेक्ट संजीवनी की शुरूआत की थी। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को एक बार फिर विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय द्वारा शुरू किया गया है। जिसके तहत दिनांक 6 दिसम्बर 2019 को ग्राम आगासौद में शिविर का आयोजन किया गया जिसमें बीना नगर के शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अजब सिंह ठाकुर ने बच्चों का उपचार किया। शिविर में बीओआऱएल के उपाध्यक्ष श्री केपी मिश्रा, महिला एवं बाल विकास विभाग की बीना विकासखंड प्रभारी श्रीमती निशा रतले, पर्यवेक्षक श्रीमती संगीता उपाध्याय, बीओआरएल के सीएसआर समन्वयक श्री हरिओम मिश्रा विशेष रूप से उपस्थित रहे।।
शिविर में 9 कुपोषित बच्चों को जांच के पश्चात पोषण आहार के रूप में 15 दिवस के लिए चने का सत्तू, गुड़ तथा नारियल का तेल दिया गया। वहीं आवश्यक दवाएं एवं फलदार वृक्ष के पौधे जिनमें अमरूद, पपीता, आम, सीताफल, नींबू, मुनगा आदि के पौधे वितरित किये गए। इनके अलावा हरी सब्जियों के बीज के 3-3 पैकेट जिनमें पालक, लौकी, गिलकी, मूली, चुकन्दर आदि दिए गए। शिविर में कम वजन 22 बच्चों को भी पोषण आहार एवं पौधे एवं बीज के पैकेट दिए गए।
शिविर में डॉ. अजब सिंह ठाकुर ने कुपोषित और कम वजन के बच्चों के अलावा अन्य 70 बच्चों का भी परीक्षण कर उनका उपचार किया। इस अवसर पर श्री केपी मिश्रा ने कहा कि कुपोषण एक अभिशाप है, समाज को इससे मिलकर लड़ना होगा। यदि परिवार सजग है तो बच्चों के पालन पोषण के समय पूरा ध्यान दिया जाए तो बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सकता है। कम वजन के बच्चों को पोषण आहार और हरी सब्जियों को उचित मात्रा में खिलाकर उन्हें कुपोषण से बचाया जा सकता है। इस अवसर पर डॉ. अजब सिंह ठाकुर ने शिविर में पहुँची माताओ से आग्रह किया कि वे बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए उन्हें उचित पोषण दें, वहीं स्वच्छता का भी ध्यान रखें।
शिविर के संचालन में आगासौद की चारों आंगनबाड़ी केंद्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती कमला, श्रीमती शीला कुशवाह, श्रीमती मनोरमा पाठक, एवं सहायिका आदि के अलावा गिरीश कुमार पाल, नर्सिंग ऑफिसर कमल रैकवार, कु.सुनीता भिलाला, वार्ड स्टाफ सदस्य श्रीमती उषा रैकवार तथा रविन्द्र आदि की सराहनीय भूमिका रही।
शिविर में 9 कुपोषित बच्चों को जांच के पश्चात पोषण आहार के रूप में 15 दिवस के लिए चने का सत्तू, गुड़ तथा नारियल का तेल दिया गया। वहीं आवश्यक दवाएं एवं फलदार वृक्ष के पौधे जिनमें अमरूद, पपीता, आम, सीताफल, नींबू, मुनगा आदि के पौधे वितरित किये गए। इनके अलावा हरी सब्जियों के बीज के 3-3 पैकेट जिनमें पालक, लौकी, गिलकी, मूली, चुकन्दर आदि दिए गए। शिविर में कम वजन 22 बच्चों को भी पोषण आहार एवं पौधे एवं बीज के पैकेट दिए गए।
शिविर में डॉ. अजब सिंह ठाकुर ने कुपोषित और कम वजन के बच्चों के अलावा अन्य 70 बच्चों का भी परीक्षण कर उनका उपचार किया। इस अवसर पर श्री केपी मिश्रा ने कहा कि कुपोषण एक अभिशाप है, समाज को इससे मिलकर लड़ना होगा। यदि परिवार सजग है तो बच्चों के पालन पोषण के समय पूरा ध्यान दिया जाए तो बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सकता है। कम वजन के बच्चों को पोषण आहार और हरी सब्जियों को उचित मात्रा में खिलाकर उन्हें कुपोषण से बचाया जा सकता है। इस अवसर पर डॉ. अजब सिंह ठाकुर ने शिविर में पहुँची माताओ से आग्रह किया कि वे बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए उन्हें उचित पोषण दें, वहीं स्वच्छता का भी ध्यान रखें।
शिविर के संचालन में आगासौद की चारों आंगनबाड़ी केंद्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती कमला, श्रीमती शीला कुशवाह, श्रीमती मनोरमा पाठक, एवं सहायिका आदि के अलावा गिरीश कुमार पाल, नर्सिंग ऑफिसर कमल रैकवार, कु.सुनीता भिलाला, वार्ड स्टाफ सदस्य श्रीमती उषा रैकवार तथा रविन्द्र आदि की सराहनीय भूमिका रही।
विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय, बीना।
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